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सुप्रीम कोर्ट ने POCSO मामले में पिता की उम्रकैद बरकरार रखी, डॉ. एंथनी राजू ने फैसले को सराहा
तारीख: 11 अगस्त 2025 | स्थान: नई दिल्ली
मुख्य खबर:
माननीय सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने नाबालिग बेटी से यौन शोषण के दोषी एक पिता की उम्रकैद की सजा बरकरार रखते हुए इसे “परिवारिक विश्वास को चकनाचूर करने वाला अनाचारजन्य अपराध” करार दिया। अदालत ने कहा कि जब एक पिता – जो ढाल, मार्गदर्शक और सुरक्षा का प्रतीक होना चाहिए – स्वयं अपराधी बन जाता है, तो यह पीड़िता की मानसिक और भावनात्मक सुरक्षा को हमेशा के लिए तोड़ देता है।
डॉ. एंथनी राजू, एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट, चेयरमैन – ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ ह्यूमन राइट्स, लिबर्टीज एंड सोशल जस्टिस, और POCSO मामलों के प्रमुख विशेषज्ञ ने कहा – “यह फैसला अत्यंत सराहनीय और आवश्यक है, ताकि समाज में ऐसे अपराधों के खिलाफ मजबूत निवारक संदेश जाए।”
उन्होंने कहा कि POCSO अधिनियम के प्रावधानों को शून्य सहनशीलता के साथ लागू करना आवश्यक है, जिससे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो, न्याय प्रणाली पर भरोसा कायम रहे और यह स्पष्ट हो जाए कि कानून के सामने कोई भी व्यक्ति – चाहे परिवार के भीतर हो – अपराध से बच नहीं सकता।
समाज के लिए संदेश:
यह फैसला न केवल एक कानूनी मिसाल है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि बच्चों की सुरक्षा सामूहिक जिम्मेदारी है और अदालतें पीड़ितों के साथ हमेशा खड़ी रहेंगी।
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